वाक् चिकित्सा :
वाक् एवं भाषा संबंधी विकार जैसे उच्चारस् दोष, प्रवाह संबंधी विकार, वाणी के विकार भाषा विकास में देरी इत्यादि का मूल्यांकन एवं प्रबंधन किया जाता है। वाक् चिकित्सक गहन वाक उद्दीपन , श्रवण प्रशीक्षण, संप्रेषण विकार और अन्यान्य विलंबित वाक् एवं भाषा इत्यादि अपनी सेवाएं देते हैं।
भौतिक चिकित्सा :
भौतिक चिकित्सक के द्वारा मांशपेशीय कंकाल विकृति, स्थूल गामक कौशल व्यवहार में कमी, चलन संबंधी क्षति एवं अन्यान्य स्नायु मांसपेशीय विकारों का मूल्यांकन एवं प्रबंधन किया जाता है।
व्यावसायिक चिकित्सा :
व्यावसायिक चिकित्सक के द्वारा सूक्ष्म गामक कौशल व्यवहार, मनो सामाजिक कौशल व्यवहार, संज्ञानात्मक एवं प्रत्यक्षणात्मक कौशल व्यवहार का मूल्यांकन एवं प्रबन्धन किया जाता है। सहायक अंग एवं उपकरणों को उपलब्ध कराने के साथ- साथ उपचार किया जाता है।
विशेष शिक्षा :
विशेष प्रशिक्षक के द्वारा 3 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों के व्यक़्तिगत, सामाजिक, एवं व्यावहारिक कौशल आदि अनुकूल व्यावहारों का मूल्यांकन किया जाता है एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। कार्यात्मक मूल्यांकन एवं भविष्य में दी जाने वाली प्रशिक्षण की योजना बनाने के साथ विशेष प्रशिक्षण, समावेशन , पूर्व व्यावसायिक एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण भी सुलभ किए जाते हैं।
व्यवहार चिकित्सा :
दिव्यांगता की गहणता की जांच हेतु बुद्धिलाब्धि का मूल्यांकन किया जाता है। नैदानिक मनौवैज्ञानिक के द्वारा संबद्ध समस्यात्मक व्यावहारों के प्रबन्धन हेतु ए.बी.ए. के द्वारा व्यावहार सुधार चिकित्सा की जाती है। केवल 70 से कम बुद्धिलाब्धि (आई. क्यू.) बाले को ही बुद्धिलब्धि सम्बंधी प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।
दिव्यांगता प्रमाण पत्र और विशिष्ट पहचान कार्ड के ऑन लाइन आवेदन http://www.swavlambancard.gov.in पर किये जाते है।
डाक्टरों की उपलब्धता-
समस्यात्मक व्यवहार एवं दौरे जैसे कारणों और सह रुग्णताओं के प्रबंधन के लिए यहाँ शिशु रोग विशेषज्ञ एवं मनोचिकित्सक उपलब्ध है।
बुद्धिलब्धि (आई क्यू) का मूल्यांकन और बुद्धिलाब्धि संबंधी प्रमाण पत्र
दिव्यांगता की गहणता की जांच हेतु बुद्धिलाब्धि का मूल्यांकन किया जाता है। नैदानिक मनौवैज्ञानिक के द्वारा संबद्ध समस्यात्मक व्यावहारों के प्रबन्धन हेतु ए.बी.ए. के द्वारा व्यावहार सुधार चिकित्सा की जाती है। केवल 70 से कम बुद्धिलाब्धि (आई. क्यू.) बाले को ही बुद्धिलब्धि सम्बंधी प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।
ऑप्टोमेट्री यूनिट-
यहाँ दृष्टि तीक्षणता,अपवर्तन दोष जिसमे सायक्लोप्लेजिक रिफ्रैक्शन, रेटिनो स्कोपी, फोरिया,भेंगापन,आंख की पुतलियों का अनायास घूमना इत्यादि शामिल है, का ऑप्टोमेट्रिस्ट के द्वारा आंकलन एवं प्रबंधन किया जाता है।